कुत्तों और बिल्लियों में जोड़ों से संबंधित बीमारियाँ: प्रबंधन और उपचार पर संपूर्ण मार्गदर्शिका

 कुत्तों और बिल्लियों में जोड़ों से संबंधित बीमारियाँ: प्रबंधन और उपचार पर संपूर्ण मार्गदर्शिका

परिचय

कुत्तों और बिल्लियों में जोड़ों से संबंधित बीमारियाँ एक आम समस्या हैं, विशेष रूप से वृद्ध पालतू जानवरों, बड़ी नस्लों के कुत्तों और कुछ खास प्रजातियों की बिल्लियों में। ये स्थितियाँ दर्द, अकड़न और गतिशीलता में कमी का कारण बनती हैं, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। युवा पालतू जानवरों में, यह समस्या जन्मजात दोषों, चोटों या पोषण संबंधी कमियों के कारण हो सकती है। इस गाइड में हम कुत्तों और बिल्लियों में आम जोड़ों की बीमारियों, उनके कारण, लक्षण, निदान के तरीके और नवीनतम उपचार विकल्पों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।


कुत्तों और बिल्लियों में सामान्य जोड़ों की बीमारियाँ

1. ओस्टियोआर्थराइटिस (डिजेनेरेटिव जॉइंट डिजीज - DJD)

कारण:

  • बढ़ती उम्र के साथ उपास्थि (cartilage) का घिसना
  • पहले हुए जोड़ों की चोटें या सर्जरी
  • मोटापे के कारण जोड़ों पर अधिक भार
  • आनुवंशिक प्रवृत्ति (जैसे लैब्राडोर रिट्रीवर्स, मेन कून बिल्लियाँ)

लक्षण:

  • लंगड़ाना और अकड़न
  • चलने या कूदने में अनिच्छा
  • प्रभावित जोड़ों के आसपास मांसपेशियों की कमजोरी
  • जोड़ों में क्लिक करने की आवाज़

उपचार:

  • वजन नियंत्रण
  • जॉइंट सप्लीमेंट (ग्लूकोसामाइन, कोंड्रॉइटिन, MSM)
  • सूजनरोधी दवाएं (NSAIDs जैसे कारप्रोफेन या मेलॉक्सिकैम)
  • फिजिकल थेरेपी और हाइड्रोथेरेपी

2. हिप डिस्प्लेसिया

कारण:

  • आनुवंशिक प्रवृत्ति (जैसे जर्मन शेफर्ड, रॉटवीलर)
  • तेजी से वृद्धि और अनुचित पोषण
  • पर्यावरणीय कारण (युवा उम्र में अधिक व्यायाम)

लक्षण:

  • उठने या सीढ़ियाँ चढ़ने में कठिनाई
  • असंतुलित चाल (गंभीर मामलों में 'बनी हॉपिंग')
  • जोड़ की ढीलापन या दर्द

उपचार:

  • जीवनशैली में बदलाव (सॉफ्ट बिस्तर, आसान चढ़ाई के लिए रैंप)
  • वजन नियंत्रण
  • फिजिकल थेरेपी
  • सर्जरी (टोटल हिप रिप्लेसमेंट या फेमोरल हेड ओस्टेक्टॉमी)

3. एल्बो डिस्प्लेसिया

कारण:

  • कोहनी के जोड़ में विकास संबंधी असमानता
  • आनुवंशिक प्रवृत्ति (लैब्राडोर, बर्नीस माउंटेन डॉग्स)
  • अधिक पोषण से हड्डियों की तेज़ी से वृद्धि

लक्षण:

  • व्यायाम के बाद लंगड़ाना
  • अगले पैरों की गति सीमा में कमी
  • कोहनी क्षेत्र में सूजन

उपचार:

  • NSAIDs और जॉइंट सप्लीमेंट के साथ दर्द प्रबंधन
  • नियंत्रित व्यायाम (तैराकी, पट्टे पर चलना)
  • सर्जिकल सुधार (आर्थ्रोस्कोपी, जोड़ पुनर्संरेखण)

4. लक्जेटिंग पटेला (घुटने का डिस्लोकेशन)

कारण:

  • जन्मजात विकृति (छोटी नस्लों जैसे पोमेरेनियन, फ्रेंच बुलडॉग में आम)
  • लिगामेंट क्षति के कारण आघात

लक्षण:

  • अचानक एक पैर से कूदना या दौड़ना
  • अस्थायी लंगड़ापन
  • घुटने से 'पॉपिंग' आवाज़ आना

उपचार:

  • मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए फिजिकल थेरेपी
  • जॉइंट सपोर्ट ब्रेसेस
  • गंभीर मामलों में सर्जिकल सुधार

5. इंटरवर्टेब्रल डिस्क डिजीज (IVDD)

कारण:

  • उम्र से संबंधित डिस्क अपक्षय
  • आनुवंशिक प्रवृत्ति (डैशहंड्स, कॉर्गी, पर्शियन बिल्लियाँ)
  • मोटापा और अनुचित कूदने की गतिविधियाँ

लक्षण:

  • पीठ दर्द और हिलने-डुलने में अनिच्छा
  • पिछले पैरों को घसीटना (गंभीर मामलों में लकवा)
  • मूत्राशय या मलाशय नियंत्रण की हानि

उपचार:

  • सख्त आराम और सूजनरोधी दवाएं
  • फिजिकल थेरेपी और एक्यूपंक्चर
  • उन्नत मामलों में स्पाइनल सर्जरी

जोड़ों की बीमारियों का निदान

  • एक्स-रे: गठिया, हिप डिस्प्लेसिया और फ्रैक्चर का पता लगाता है
  • MRI/CT स्कैन: सॉफ्ट टिशू की चोटों और डिस्क रोगों की पहचान करता है
  • जोड़ तरल पदार्थ परीक्षण: सूजन या संक्रामक गठिया का निर्धारण करता है

जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय

1. आहार और वजन प्रबंधन

  • कम वसा, उच्च प्रोटीन वाला आहार
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड (फिश ऑयल) सूजन को कम करता है
  • विशेष पशु चिकित्सा आहार (जैसे, हिल्स J/D, रॉयल कैनिन मोबिलिटी)

2. जॉइंट सप्लीमेंट

  • ग्लूकोसामाइन और कोंड्रॉइटिन: जोड़ चिकनाई बनाए रखता है और उपास्थि की मरम्मत करता है
  • MSM: दर्द और सूजन कम करता है
  • ग्रीन-लिप्ड मसल एक्सट्रेक्ट: प्राकृतिक सूजनरोधी गुण

3. फिजिकल थेरेपी और पुनर्वास

  • हाइड्रोथेरेपी: मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए कम प्रभाव वाला तैराकी व्यायाम
  • लेजर थेरेपी: सूजन कम करता है और उपचार को बढ़ावा देता है
  • मालिश थेरेपी: रक्त परिसंचरण और लचीलेपन में सुधार करता है

4. दवाएं और दर्द प्रबंधन

  • NSAIDs: कारप्रोफेन, मेलॉक्सिकैम, फिरोकोक्सिब
  • गैबापेंटिन: न्यूरोपैथिक दर्द से राहत
  • कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स: गंभीर मामलों में सूजन नियंत्रण

5. सर्जिकल समाधान

  • टोटल जॉइंट रिप्लेसमेंट: गंभीर गठिया के लिए
  • आर्थ्रोस्कोपी: न्यूनतम इनवेसिव जोड़ सुधार
  • TPLO: क्रूशिएट लिगामेंट की चोटों को ठीक करने के लिए

निष्कर्ष

कुत्तों और बिल्लियों में जोड़ों की बीमारियाँ उनकी गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं। प्रारंभिक पहचान, सही प्रबंधन, और निवारक देखभाल से पालतू जानवरों को दर्द मुक्त और सक्रिय जीवन जीने में मदद मिल सकती है।

🐾 क्या आपके पालतू जानवर को जोड़ से संबंधित कोई समस्या है? आज ही पशु चिकित्सक से परामर्श लें और सही देखभाल योजना बनाएं!

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