कुत्तों और बिल्लियों में यकृत और गुर्दे की बीमारियाँ: कारण, लक्षण और प्रबंधन पर व्यापक मार्गदर्शिका

 कुत्तों और बिल्लियों में यकृत और गुर्दे की बीमारियाँ: कारण, लक्षण और प्रबंधन पर व्यापक मार्गदर्शिका

परिचय

यकृत (लिवर) और गुर्दे (किडनी) कुत्तों और बिल्लियों के शरीर में आवश्यक अंग हैं, जो विषाक्त पदार्थों को निकालने, चयापचय (मेटाबॉलिज्म) और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब ये अंग प्रभावित होते हैं, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता और दीर्घायु (लाइफस्पैन) पर असर पड़ता है। कुत्तों और बिल्लियों में यकृत और गुर्दे की बीमारियाँ विभिन्न कारणों से हो सकती हैं, जैसे संक्रमण, विषाक्त पदार्थ, खराब आहार, आनुवंशिक (जेनेटिक) कारण और बढ़ती उम्र।

इस मार्गदर्शिका में कुत्तों और बिल्लियों में यकृत और गुर्दे की बीमारियों के कारण, लक्षण, निदान, उपचार और रोकथाम के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई है, जिससे पालतू जानवरों के मालिक अपने पालतू दोस्तों की अच्छी देखभाल कर सकें।


कुत्तों और बिल्लियों में यकृत (लिवर) रोग

सामान्य यकृत रोग

1. हेपेटाइटिस (यकृत की सूजन)

कारण: वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण, ऑटोइम्यून रोग, या विषाक्त पदार्थ।

लक्षण: आँखों और मसूड़ों का पीला पड़ना (जॉन्डिस), उल्टी, दस्त, सुस्ती, वजन घटाना और अत्यधिक प्यास लगना।

प्रबंधन: सहायक देखभाल, जीवाणुरोधी दवाएँ (यदि बैक्टीरिया संक्रमण हो), ऑटोइम्यून मामलों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और आहार परिवर्तन।

2. हेपेटिक लिपिडोसिस (फैटी लिवर डिजीज - बिल्लियों में आम)

कारण: तेजी से वजन कम होना, मोटापा, तनाव और खराब पोषण।

लक्षण: अचानक भूख न लगना, सुस्ती, उल्टी, जॉन्डिस और मांसपेशियों का सिकुड़ना।

प्रबंधन: पोषण समर्थन (फीडिंग ट्यूब), तरल चिकित्सा (फ्लूइड थेरेपी) और लिवर सपोर्टिव सप्लीमेंट्स।

3. यकृत सिरोसिस और फाइब्रोसिस

कारण: पुरानी लिवर बीमारी, लंबे समय तक विषाक्त पदार्थों का संपर्क और अनुपचारित संक्रमण।

लक्षण: भूख न लगना, पेट में सूजन (असाइटिस), कमजोरी और उल्टी।

प्रबंधन: आहार में बदलाव (कम प्रोटीन), तरल जमा को कम करने के लिए मूत्रवर्धक (डाययूरेटिक्स) और अमोनिया स्तर को कम करने वाली दवाएँ।

4. लिवर ट्यूमर और कैंसर

कारण: आनुवंशिक कारक, पुरानी सूजन और पर्यावरणीय कार्सिनोजेन्स।

लक्षण: अचानक वजन घटना, जॉन्डिस, बढ़ा हुआ लिवर और उल्टी।

प्रबंधन: सर्जरी, कीमोथेरेपी और सहायक देखभाल।

5. पोर्टोसिस्टमिक शंट (PSS)

कारण: जन्मजात दोष या यकृत रोग के कारण।

लक्षण: न्यूरोलॉजिकल संकेत (दौरे, गोल-गोल घूमना), अवरुद्ध वृद्धि, अत्यधिक लार बहना।

प्रबंधन: सर्जिकल सुधार, विशेष आहार और विषाक्त पदार्थों को कम करने के लिए दवाएँ।


कुत्तों और बिल्लियों में गुर्दे (किडनी) रोग

सामान्य गुर्दे रोग

1. क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD)

कारण: उम्र से संबंधित गिरावट, आनुवंशिकता, संक्रमण या विषाक्त पदार्थ।

लक्षण: अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, वजन घटना, दुर्गंधयुक्त सांस (यूरेमिक सांस), उल्टी और सुस्ती।

प्रबंधन: विशेष किडनी डाइट (कम प्रोटीन, कम फास्फोरस), फ्लूइड थेरेपी, ब्लड प्रेशर कंट्रोल और फॉस्फेट बाइंडर्स।

2. एक्यूट किडनी इंजरी (AKI)

कारण: विषाक्त पदार्थ (एंटीफ्रीज़, अंगूर, NSAIDs), संक्रमण और डिहाइड्रेशन।

लक्षण: अचानक उल्टी, भूख न लगना, कमजोरी, कम मूत्र उत्पादन और पेट में दर्द।

प्रबंधन: अस्पताल में भर्ती, IV फ्लूइड थेरेपी, विषाक्त पदार्थों को हटाने के लिए दवाएँ और गंभीर मामलों में डायलिसिस।

3. किडनी स्टोन (नेफ्रोलिथियासिस)

कारण: उच्च खनिज आहार, आनुवंशिकता, मूत्र मार्ग संक्रमण।

लक्षण: पेशाब में खून आना, पेशाब में कठिनाई, बार-बार पेशाब आना और दर्द।

प्रबंधन: विशेष मूत्रवर्धक आहार, पानी का सेवन बढ़ाना और गंभीर मामलों में सर्जिकल हटाना।

4. पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) - फारसी बिल्लियों में आम

कारण: आनुवंशिक विकार, जो गुर्दे में सिस्ट बनाता है।

लक्षण: अधिक प्यास, वजन घटना, खराब कोट की स्थिति और उल्टी।

प्रबंधन: सहायक देखभाल, फ्लूइड थेरेपी और विशेष आहार।

5. ग्लोमेरुलोनफ्राइटिस

कारण: इम्यून-संबंधी बीमारी, पुराना संक्रमण और ऑटोइम्यून स्थितियाँ।

लक्षण: मूत्र में प्रोटीन की हानि, अंगों में सूजन, वजन घटना।

प्रबंधन: इम्यूनोसप्रेसिव दवाएँ, ब्लड प्रेशर प्रबंधन और किडनी सपोर्टिव डाइट।


रोकथाम के उपाय

  • नियमित पशुचिकित्सा जांच: सालाना रक्त परीक्षण से प्रारंभिक संकेतों का पता लगाएँ।
  • संतुलित आहार: उचित प्रोटीन और वसा स्तर वाला आहार दें।
  • जलयोजन (हाइड्रेशन): पानी का सेवन बढ़ाएँ (गीला भोजन, स्वच्छ कटोरी)।
  • विषाक्त पदार्थों से बचाव: हानिकारक पदार्थ (एंटीफ्रीज़, NSAIDs, जहरीले पौधे) दूर रखें।
  • वजन प्रबंधन: मोटापे से संबंधित यकृत और गुर्दे की समस्याओं को रोकें।
  • परजीवी नियंत्रण: संक्रमण से बचाव के लिए परजीवी रोकथाम उपचार दें।

निष्कर्ष

कुत्तों और बिल्लियों में यकृत और गुर्दे की बीमारियाँ समय पर निदान और सही प्रबंधन की माँग करती हैं। कुछ स्थितियाँ ठीक हो सकती हैं, जबकि अन्य को जीवनभर देखभाल की आवश्यकता होती है। सही आहार, जलयोजन, पशुचिकित्सा देखभाल और रोकथाम के उपाय अपनाने से इन रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है और आपके पालतू जानवर की जीवन गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।

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