कुत्तों और बिल्लियों के लिए डीवर्मिंग: प्रकार, वार्षिक रोटेशन और सावधानियाँ
कुत्तों और बिल्लियों के लिए डीवर्मिंग: प्रकार, वार्षिक रोटेशन और सावधानियाँ
परिचय
डीवर्मिंग कुत्तों और बिल्लियों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक प्रक्रिया है। पेट में कीड़े (वर्म्स) पालतू जानवरों के पोषण को बाधित कर सकते हैं और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यह ब्लॉग डीवर्मिंग के विभिन्न प्रकारों, उनके वार्षिक रोटेशन, और गर्भवती एवं युवा जानवरों के लिए आवश्यक सावधानियों पर केंद्रित है।
डीवर्मिंग के प्रकार
डीवर्मिंग के लिए विभिन्न प्रकार की दवाएँ उपलब्ध हैं, जिनका चयन परजीवी के प्रकार के आधार पर किया जाता है।
1. गोल कृमि (Roundworms) के लिए डीवर्मर
सामान्य दवाएँ: पाइरेंटेल पामोएट (Pyrantel Pamoate), फेनबेंडाजोल (Fenbendazole)
संक्रमण के लक्षण: उल्टी, डायरिया, पेट फूलना, कमजोरी
2. हुकवर्म (Hookworms) के लिए डीवर्मर
सामान्य दवाएँ: मिलबेमाइसिन (Milbemycin), मोक्सीडेक्टिन (Moxidectin)
संक्रमण के लक्षण: खून की कमी, कमजोरी, मल में खून आना
3. टैपवर्म (Tapeworms) के लिए डीवर्मर
सामान्य दवाएँ: प्राजिक्वांटल (Praziquantel), एबेंडाजोल (Albendazole)
संक्रमण के लक्षण: खुजलाहट, मलाशय के आसपास सफेद टुकड़े
4. व्हिपवर्म (Whipworms) के लिए डीवर्मर
सामान्य दवाएँ: फेनबेंडाजोल (Fenbendazole), ऑक्सिबेंडाजोल (Oxibendazole)
संक्रमण के लक्षण: रक्तयुक्त डायरिया, वजन घटना
5. हार्टवर्म (Heartworms) के लिए डीवर्मर
सामान्य दवाएँ: इवरमेक्टिन (Ivermectin), सेलामेक्टिन (Selamectin)
संक्रमण के लक्षण: खांसी, सुस्ती, सांस लेने में कठिनाई
डीवर्मिंग का वार्षिक रोटेशन
डीवर्मिंग की सही योजना आपके पालतू जानवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।
कुत्तों के लिए वार्षिक डीवर्मिंग शेड्यूल
आयु | डीवर्मिंग की आवृत्ति |
---|---|
2-8 सप्ताह | हर 2 सप्ताह में |
8 सप्ताह - 6 माह | हर महीने |
6 माह - 1 वर्ष | हर 3 महीने में |
वयस्क कुत्ते | हर 3-6 महीने में |
बिल्लियों के लिए वार्षिक डीवर्मिंग शेड्यूल
आयु | डीवर्मिंग की आवृत्ति |
3-8 सप्ताह | हर 2 सप्ताह में |
8 सप्ताह - 6 माह | हर महीने |
6 माह - 1 वर्ष | हर 3 महीने में |
वयस्क बिल्लियाँ | हर 3-6 महीने में |
गर्भवती और युवा पालतू जानवरों के लिए सावधानियाँ
गर्भवती और दूध पिलाने वाली मादाएँ
सुरक्षित दवाएँ: फेनबेंडाजोल, सेलामेक्टिन
असुरक्षित दवाएँ: इवरमेक्टिन, प्राजिक्वांटल (गर्भावस्था के पहले चरण में)
सुझाव: प्रसव से पहले और बाद में डीवर्मिंग आवश्यक होती है।
छोटे पिल्लों और बिल्ली के बच्चों के लिए सावधानियाँ
जन्म के 2 सप्ताह बाद से डीवर्मिंग शुरू करें।
हल्के डोज वाली दवाओं का उपयोग करें।
पशु चिकित्सक की सलाह से ही दवा दें।
डीवर्मिंग के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
नियमित रूप से पालतू जानवर के मल की जाँच करवाएँ।
डीवर्मिंग के बाद पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए प्रोबायोटिक्स दें।
पालतू जानवर के सोने और खाने के स्थान को स्वच्छ रखें।
अचानक किसी भी दवा का डोज न बदलें।
निष्कर्ष
डीवर्मिंग पालतू जानवरों के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सही प्रकार की दवा, उपयुक्त डोज, और वार्षिक रोटेशन से आप अपने कुत्ते और बिल्ली को परजीवियों से बचा सकते हैं। विशेष रूप से गर्भवती और युवा जानवरों के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है।
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