कुत्तों और बिल्लियों में डीवर्मिंग: फायदे और नुकसान

  कुत्तों और बिल्लियों में डीवर्मिंग: फायदे और नुकसान


परिचय

कुत्तों और बिल्लियों में डीवर्मिंग (Deworming) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो उन्हें आंतरिक परजीवियों (Internal Parasites) से मुक्त रखने में मदद करती है। पेट में कीड़े (worms) पालतू जानवरों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं और यदि समय पर इलाज न किया जाए तो कई प्रकार की जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

यह लेख डीवर्मिंग के फायदे, इसके संभावित नुकसान, दवा के प्रकार, समय-सारिणी और इससे संबंधित सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।


डीवर्मिंग क्या है?

डीवर्मिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कुत्तों और बिल्लियों को दवा देकर उनके शरीर से आंतरिक कीड़ों को हटाया जाता है। यह दवाएँ परजीवियों के जीवन चक्र को रोकती हैं और उन्हें बाहर निकाल देती हैं।


डीवर्मिंग के फायदे

1. आंतरिक परजीवियों से सुरक्षा

डीवर्मिंग पेट के कीड़ों को समाप्त करके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। आम परजीवी निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • राउंडवॉर्म (Roundworms) – छोटे पिल्लों और बिल्ली के बच्चों में आमतौर पर पाए जाते हैं।

  • टेपवॉर्म (Tapeworms) – अक्सर पिस्सू संक्रमण के कारण फैलते हैं।

  • हुकवॉर्म (Hookworms) – आंत की दीवार में चिपककर खून चूसते हैं, जिससे एनीमिया हो सकता है।

  • व्हिपवॉर्म (Whipworms) – यह परजीवी पाचन तंत्र में सूजन और दस्त का कारण बन सकता है।

2. संक्रामक बीमारियों से बचाव

कई परजीवी ऐसे होते हैं जो न केवल पालतू जानवरों बल्कि उनके मालिकों के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। यदि पालतू जानवर डीवर्मिंग से नहीं गुजरते हैं, तो ये परजीवी इंसानों में भी फैल सकते हैं, जिससे ज़ूनोटिक (Zoonotic) रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

3. पोषण के अवशोषण में सुधार

आंतों में कीड़े पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेते हैं, जिससे पालतू जानवरों को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता। डीवर्मिंग से यह समस्या खत्म होती है और कुत्ते तथा बिल्लियाँ स्वस्थ और ऊर्जावान रहते हैं।

4. वजन और विकास में सुधार

छोटे पिल्लों और बिल्ली के बच्चों में आंतों के कीड़ों के कारण वजन कम होने की समस्या हो सकती है। नियमित डीवर्मिंग से उनके विकास में सुधार होता है और वे स्वस्थ रहते हैं।

5. कोट और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखना

परजीवियों के संक्रमण से त्वचा और कोट पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। डीवर्मिंग से त्वचा की खुजली, लालिमा और बाल झड़ने जैसी समस्याएँ कम होती हैं।


डीवर्मिंग के नुकसान

1. अस्थायी दुष्प्रभाव

डीवर्मिंग के बाद कुछ कुत्तों और बिल्लियों में अस्थायी दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं, जैसे:

  • हल्का दस्त या उल्टी

  • सुस्ती और कमजोरी

  • भूख में कमी

  • हल्की एलर्जी (खुजली या सूजन)

हालांकि, ये लक्षण आमतौर पर 24-48 घंटे में समाप्त हो जाते हैं।

2. ओवरडोज़ का खतरा

यदि गलत खुराक दी जाए, तो डीवर्मिंग दवा का ओवरडोज़ हो सकता है, जिससे गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हमेशा पशु चिकित्सक की सलाह से ही दवा दें।

3. बार-बार डीवर्मिंग की आवश्यकता

क्योंकि परजीवी दोबारा पालतू जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं, इसलिए डीवर्मिंग को नियमित रूप से किया जाना आवश्यक है।

4. गर्भवती और बीमार जानवरों के लिए जोखिम

गर्भवती बिल्लियों और कुत्तों को डीवर्मिंग से पहले पशु चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक होता है, क्योंकि कुछ दवाएँ भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती हैं।


डीवर्मिंग की सही समय-सारिणी

कुत्तों के लिए

  • पिल्ले (Puppies) – 2, 4, 6, और 8 सप्ताह की उम्र में डीवर्मिंग करवाएँ।

  • व्यस्क कुत्ते (Adult Dogs) – हर 3-6 महीने में डीवर्मिंग करवानी चाहिए।

बिल्लियों के लिए

  • बिल्ली के बच्चे (Kittens) – 3, 5, 7 और 9 सप्ताह की उम्र में डीवर्मिंग करवाएँ।

  • व्यस्क बिल्लियाँ (Adult Cats) – हर 3-6 महीने में डीवर्मिंग करवाएँ।


डीवर्मिंग के बाद ध्यान रखने योग्य बातें

  1. पालतू जानवरों के मल को तुरंत साफ करें – इससे परजीवी अंडों के फैलने से बचा जा सकता है।

  2. डीवर्मिंग के बाद 24 घंटे तक पालतू जानवर की निगरानी करें – किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव की स्थिति में पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

  3. पालतू जानवरों की स्वच्छता बनाए रखें – कीड़े और परजीवियों के संपर्क को कम करने के लिए नियमित स्नान और ब्रशिंग करें।

  4. पिस्सू और टिक्स नियंत्रण करें – टेपवॉर्म संक्रमण को रोकने के लिए नियमित रूप से पिस्सू नियंत्रण उपचार करें।


सर्वश्रेष्ठ डीवर्मिंग दवाएँ

कुत्तों के लिए लोकप्रिय डीवर्मिंग दवाएँ:

  • Drontal Plus

  • Panacur

  • Pyrantel Pamoate

  • Milbemycin Oxime

बिल्लियों के लिए लोकप्रिय डीवर्मिंग दवाएँ:

  • Drontal Cat

  • Revolution Plus

  • Profender

  • Milbemax


निष्कर्ष

डीवर्मिंग पालतू जानवरों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है। यह न केवल कुत्तों और बिल्लियों को आंतरिक परजीवियों से बचाती है, बल्कि उनके संपूर्ण स्वास्थ्य और विकास को भी बेहतर बनाती है। हालांकि, कुछ अस्थायी दुष्प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन सही देखभाल और पशु चिकित्सक की सलाह से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।

क्या आपने अपने पालतू जानवर की डीवर्मिंग करवाई है? अगर नहीं, तो जल्द से जल्द पशु चिकित्सक से परामर्श लें और अपने प्यारे दोस्त को स्वस्थ और खुशहाल बनाएं!

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